क्या कहूँ आप से

राज की बात हैं क्या कहूँ  आप से
हर तरफ मात हैं क्या कहूँ  आप से
अँधेरी रात की चादरों ने हमे ढक लिया
वक्त की बात हैं क्या कहूँ  आप से
मुश्किलें सफ़र की हैं अपनी जगह
और फिर दर्द हैं क्या कहूँ  आप से
खों गये आँख से सारे मौसम मगर
सिर्फ बरसात हैं क्या कहूँ  आप से
महके महके से हैं अब मेरे रात दिन

किसकी सौगात हैं क्या कहूँ  आप से ||

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