अभिशाप नहीं वरदान हैं विफल्तायें......


जीवन मे मिलने वाली असफलताओं से आदमी बहुत दुखी हो जाता है, एक तरह से टूट जाता है |
ऐसे समय मे उसे सही मार्गदर्शन ना मिले तो उसका भ्रमित होना  स्वाभाविक है | असफलता मिलने
पर एक छण तो ऐसे लगता की जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया हो सारी मेहनत व्यर्थ हो जाती है और 
ना जाने कितने विचार मन मे आ जाते है जिनसे मन और दुखी होता है|

ऐसी परिस्तिथि मे महान
लोग कहते है की ‘’ हर आदमी को अपनी नाकामयाबी को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए
क्योकि वही से कामयाबी का रास्ता खुलता है “ |
किसी भी कार्य मे सफलता या असफलता का सिलसिला जीवन भर चलता रहता है, और शायद ही
कोई आदमी हो जिसे किसी भी कार्य में असफलता देखने को न मिली हो | जब हम कुछ पाना चाहते
है तो बहुत मेहनत करते है पर जरूरी नहीं ही की जैसा हमने सोचा है वैसा ही हो  , जैसा हमने चाहा
उसमे फेरबदल भी हो सकता है | हम सिर्फ कार्य कर सकते है लेकिन उसके परिणाम स्वरुप हमें जो
भी मिले उसे हमें दिल से स्वीकार करना चाहिए |

जब हमे असफलता मिलती है तो हमे बहुत क्रोध आता है पर उससे कुछ हासिल नहीं होता| हम सिर्फ
और सिर्फ खुद को परेशान करते है उस वक़्त हमे सबसे ज्यादा जरूरत होती है खुद पर काबू पाने की
और अपनी गलतियों से सीख लेकर सही दिशा मे क़दम भड़ाने की |
जब भी असफलताओ की स्वीकार करते है तभी हम अपने लिए नए द्वारो का सर्जन कर पाते है 
परन्तु ऐसा नहीं करते है तो अपने लिए कठिनाई को नियोता देते है इसलिए हमे असफलताओ को
स्वीकारते हुए अपने लिए बाकी रास्तों को खुले रहने देना चाहिए |

'एल्वा एडिसन"

सबसे बड़े उदहारण जो बल्ब बनाने की क्रिया में हज़ारों बार विफल हुए परन्तु उन्होंने 
तब भी हार नहीं मानी और सारी दुनिया को रौशनी देकर अपना सपना पूरा किया अगर वे हार  मान
जाते ओ शायद आज भी लाखों घरों में अँधेरा होता |

 जैसे छोटी सी चीटी भी पहाड़ पर कई बार
फिसलने पर भी हार नहीं मानती वैसे ही हमे भी उस चीटी की तरह अपने मन मैं विश्वास रखना चाहिए  क्योकि सफल लोग कहते है की –

 ‘’ कमजोर तब रुकते है जब थक जाते है और विजेता तब रुकते है जब वो जीत जाते है ‘’ ..............................................................................................................................................   

0 comments:

Post a Comment

Popular Posts

Pages

THIS IS MY BLOG. Powered by Blogger.